देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए (x2)
ये गिला है आपकी निगाहों से
फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए
मेरी सांसों में बसी खुशबू तेरी
ये तेरे प्यार की है जादूगरी
तेरी आवाज़ है हवाओं में
प्यार का रंग है फ़िज़ाओं में
धड़कनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
क्या कहूँ के शर्म से हैं लैब सिल हुए
देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए
फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
मेरा दिल है तेरी पनाहों में
आ छुपा लूं तुझे मैं बाहों में
तेरी तसवीर है निगाहों में
दूर तक रोशनी है राहों में
कल अगर न रोशनी के काफ़िले हुए
प्यार के हज़ार गहरे हैं जले हुए
देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए
ये गिला है आपकी निगाहों से
फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाह में हैं गुल खिले हुए
Movie: Silsila (1981)
Singer: Lata Mangeshkar & Kishore Kumar
Composer/Musician: Shiv Hari