"Lag Ja Gale" एक हिंदी गाना है जो 1964 में रिलीज़ हुआ था और फिल्म "वो कैदी हैं" (Woh Kaun Thi) का हिस्सा है। इस गाने के संगीतकार मदन मोहन और गायका लता मंगेशकर हैं। गाने के बोल राजिंदर कृष्ण ने लिखे हैं। यहां "Lag Ja Gale" के हिंदी बोल दिए जा रहे हैं:
लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
हम को मिली है आज ये घड़ीयाँ नसीब से
जी भर के देख लें इसे बार-बार क़ीमत हो न हो
पलकों की क्या कहना है
जब प्यार की बातें किसी से नहीं कही जाती
रहे सफर में इज़हार हो न हो
लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
भूलेगा न सा इत बहुत याद हो न हो
क्यूँ दिल से मोहब्बत करनी पड़ती है
वो आप की बातें कुछ भी सारी रातें नहीं
क्यूँ दिल से मोहब्बत करनी पड़ती है
लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
यह गाना एक रोमांटिक और मेलोडियस गीत है, जिसने समय के साथ भी अपनी महत्वपूर्णी कायम रखी है।